बार-बार गर्भ गिरने से हैं परेशान तो करें यह उपाय

बार-बार गर्भ गिरने से हैं परेशान तो करें यह उपाय

सेहतराग टीम

महिलाओं में गर्भ ना ठहरने की समस्या आज के समय में काफी सुनने और देखने को मिलता है। यह कई बार शारीरिक कमी से होता है तो  कई बार देरी से शादी करने के नतीजे से भी हो सकता है। इन सब के अलावा कुछ और भी कारण हैं जो ऐसी समस्या उत्पन्न करने में सहायक होते है। तो आइए जानते है कि इस समस्या से कैसे निपटा जाए?

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आवश्यक जांच - अगर आप परिवार बढ़ाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपना स्वास्थ्य चेकअप करवाना होगा। पति-पत्नी दोनों ही अपनी जांच अवश्य कराएं, ताकि किसी प्रकार की समस्या होने पर उसका पता लगाया जा सके और समाधान भी निकला जा सके।

वजन - अपने वजन को नियंत्रित रखने का प्रयास करें। वजन का कम या अधिक होना, दोनों ही स्थिति में आपके लिए मुश्किल पैदा कर सकता है। दरअसल वजन बहुत अधिक कम होने पर अंडाशय में अंड बनने के लिए आवश्यक हार्मोन स्त्रावित नहीं हो पाते, जिससे गर्भ ठहर नहीं पाता। इसलिए वजन बहुत कम भी न करें और बहुत अधिक बढ़ाएं भी ना।

व्यायाम - व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। कम से कम आधा घंटा व्यायाम जरूर करें और हल्की एक्सरसाईज ही करें। इससे आप फिट भी रहेंगी और तरोताजा भी। लेकिन ध्यान रहे बहुत अधिक देर तक एक्सरसाईज न करें, ना ही बहुत भारी व्यायाम करें।

पोषण - पोषण का विशेष ध्यान रखें। पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें, यह फर्टिलिटी बढ़ाने में सहायक होगी। इसके लिए अपनी डेली डाइट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं और विटामिन-सी, आयरन व कैल्शियम से भरपूर चीजों का सेवन करें। इन जरूरी पोषक तत्वों की कमी से पीरियड्स अनियमित होकर गर्भपात की संभावना बढ़ सकती है। इसके लिए डाइट में हरी सब्ज‍ियां, फल, बीन्स और फिश को शामिल करें।

कुछ आदतों से तौबा - शराब, सिगरेट व अन्य लतों से दूर ही रहें। इनमें पाए जाने वाले तत्व गर्भ को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। इसके अलावा इससे एस्ट्रोजन हार्मोन का स्त्राव भी कम हो सकता है, जो गर्भ के लिए बेहद नकारात्मक साबित होता है। इससे दोबारा गर्भ ठहरने में भी परेशानी हो सकती है।

चाय- कॉफी - चाय, कॉफी व कोल्ड्रिंक का सेवन अधिक न करें। यह फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला कैफीन भी आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

इंफेक्शन से बचाव - साफ सफाई पर विशेष ध्यान देते हुए, इंफेक्शन से बचाव किया जा सकता है। प्राइवेट पार्ट्स की सफाई का ध्यान रखें और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें। वेजाइनल इंफेक्शन के कारण भी गर्भ ठहरने में परेशानी आ सकती है।

मन से दवा न लें - किसी भी प्रकार की समस्या होने पर बगैर चिकित्सक की सलाह के, अपने मन से कोई दवा न लें। कई बार दवाओं के दुष्प्रभावों के चलते गर्भ ठहरने में समस्या आती है। इसलिए डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।

मासिक चक्र - मासिक चक्र के समय पर ध्यान दें। अगर आपका मासिक चक्र अनियमित हो रहा है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। अगर यह समय 10 दिन से भी अधिक बढ़ रहा है तो जांच कराएं। मासिक चक्र शुरू होने के दसवें दिन से लेकर अगले दस दिनों तक गर्भ ठहरने की संभावना अधिक होती है। इस समय साथी के साथ समय बिताएं।

सेक्स पर दें ध्यान - भले ही आपकी दिनचर्या कितनी भी व्यस्त हो, साथी के साथ संबंध बनाने के लिए पर्याप्त समय निकालें। इसके लिए सप्ताह में दो से तीन बार समय निकाल सकते हैं। नियमित तौर पर सेक्स को अपनी जीवनशैली में शामिल करने से एस्ट्रोजन का स्त्राव अधिक होता है, जो कंसीव करने में मदद करता है। इसके अलावा अंड बनने के पहले कुछ दिनों तक 36 से 48 घंटों के बीच संबंध बनाने पर गर्भ ठहरने की संभावना अधिक होती है।

इसके अलावा पति की सेहत का ध्यान रखना भी बेहद आवश्यक है। उन्हें पोषक तत्वों से भरपूर डाइट दें जिसमें विटामिन ए, बी एवं अन्य पोषक तत्व अनिवार्य रूप से होने चाहिए। इससे स्पर्म स्वस्थ होते हैं। इसके अलावा शराब, सिगरेट जैसी चीजें बिल्कुल बंद कर दें, इनसे स्पर्म की मात्रा कम होती है, और फर्टिलिटी को नुकसान पहुंच सकता है।

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